डोगरी भाषा अकादमी की तरफ से पद्मा सचदेव जी को श्रद्धांजलि

5 अगस्त, 2021, जम्मू। आज डोगरी भाषा अकादमी जम्मू की ओर से ज्यौड़ियां में एक शोक सभा की गई जिसमें डोगरी भाषा की महान पहली आधुनिक कवित्री पदमश्री पदमा सचदेव जी को श्रद्धांजलि दी गई । इस शोक सभा का आयोजन ज्यौड़ियां कस्बे की वार्ड नं 6 में किया गया और स्थानीय साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने उनकी तस्वीर को पुष्प अर्पित करके उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। इस सभा में पद्मा जी के जीवन और उनके कार्यों की विस्तार से चर्चा की गई ।

डोगरी भाषा अकादमी, जम्मू द्वारा श्रद्धांजलि

डोगरी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री रोशन बराल ने कहा कि पदमा सचदेव जी का अचानक इस दुनिया से चले जाना एक बड़े सदमे से कम नहीं है उनका यूं चले जाना डोगरी और डोगरों के लिए बहुत बड़ी क्षति है जिसे कभी भी भरा नहीं जा सकता। अकादमी के महाससिव राजिंदर रांझा ने उनके साहित्य पर बात रखते हुए कहा कि पद्मा जी ने डोगरी भाषा को देश विदेश में पहुंचाने का जो काम किया है उसे हर डोगरा याद रखेगा। डोगरी भाषा अकादमी की महिला विंग की अध्यक्षा कुमारी हीना चौधरी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि डोगरी भाषा में पद्मा जी के नाम पहली कवित्री होने का गौरव हासिल तो था ही लेकिन उन्होंने जो डोगरी भाषा को नई दशा और दिशा जो प्रदान की उसके लिए उनका नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा। सचिव कुमारी सुरेखा राजपूत ने कहा कि पद्मा सचदेव जी हमारे सभी डोगरों के लिए प्रेरणा थी और हमेशा रहेंगी। डोगरी भाषा अकादमी की मुख्य सलाहकार और टाइनी एस्पिरेंट हायर सेकेण्डरी स्कूल की प्रधानाचार्य ने उनके डोगरी गीतों के बारे में बात की और बताया कि पद्मा जी के प्रयास से ही भारत की सुरकोकीला लता मंगेशकर जी ने पद्मा जी के लिखे हुए डोगरी गीत गाए थे जो हर डोगरे की जुबान पर हमेशा रहते हैं। इस सभा में और जिन लोगों ने भाग लिया उनमें मुख्य रूप से सिनियर लेक्चरर श्री वरिंदर शर्मा नवीन चौधरी, अंकुश शर्मा, गुलशन शर्मा, साहिल बराल, पारस, अरुण आदि ।

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