भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रखर मानवीय मूल्यों व समरस चेतना के संवाहक

आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर मुकुलारण्यम् महाविद्यालय, सम्बद्ध महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी पर “सामाजिक समरसता व पं. अटल बिहारी बाजपेयी ” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में महाविद्यालय परिवार के निदेशक प्रो. शम्भू उपाध्याय जी एवं महाविद्यालय परिवार के प्रबंधक श्री अजय तिवारी जी मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम का वैचारिक प्रवर्तन करते हुए श्री अजय तिवारी जी ने कहा कि भारत खंड- खंड में विखंडित इसलिए हुआ क्योंकि हम अपनी सांस्कृतिक संपन्नता को विस्मृत करते गए। विदेशी आक्रांताओं ने हमारे देश को उतना नष्ट नहीं किया जितना हमारी आधुनिक जीवन शैली में आई दुरावस्था ने किया ।श्री अजय तिवारी ने आधुनिक उन्नति के साथ-साथ आत्मिक उन्नति की ओर उन्मुख होने पर अत्यधिक बल दिया। साथ ही भारतीय संस्कृति की अखंडता और समरसता को बनाए रखने के लिए अटल जी की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया ।

उक्त कार्यक्रम में परंपरागत शिक्षण प्रणाली व सनातन धर्म की शुचिता व सर्वांगीण विकास की बुनियादी व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए प्रो. शम्भू उपाध्याय जी ने नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं को अटल जी की संवेदनशील व समरस चेतना ,उनकी राजनैतिक, सामाजिक दृढ़ता भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका से परिचित कराया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुनील कुमार मिश्रा जी ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामाजिक, राजनैतिक व वैचारिक पक्ष पर प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखी।


उक्त गोष्ठी में महाविद्यालय परिवार के सदस्य डॉ. आशीष पांडे, डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉ. वर्षा श्रीवास्तव, सुश्री ज्योति श्रीवास्तव, श्री दुर्गेश मणि तिवारी, श्री अनुराग गुप्ता, श्री मनीष पांडे,श्री अश्विनी पांडे, सुश्री एकता त्रिपाठी जी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने में जया तिवारी, समर्थ श्रीवास्तव एवं संदीप दुबे की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. सुमन सिंह जी ने किया।

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