विवेकानंद जी के जयंती के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। मुकुलारण्यम महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के अवसर पर “राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका”

प्रो राकेश उपाध्याय (भारत अध्ययन केंद्र, बी०एच्०यू०)

विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में सर्वप्रथम कालेज की छात्रा पूजा सिंह ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का प्रारम्भ किया, तत्पश्चात मुख्य वक्ता प्रो राकेश उपाध्याय जी (चेयर प्रोफेसर, भारत अध्ययन केंद्र, बी०एच्०यू०) ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन वृत्त पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए, बहुत ही सहजता से उनके जीवन दर्शन को स्पष्टीत किया। आगे विचार व्यक्त करते हुए प्रो राकेश ने कहा की विवेकानंद ने अपने बौद्धिक दर्शन से भारतीय समाज को पश्चिमी सभ्यता के संक्रमण प्रभाव से संरक्षित करने का कार्य किया, विवेकानंद वास्तव में ऐसे व्यक्तित्व के धनी है जिनका शरीर व आत्मा दोनों ही भव्य है। युवाओं को संदेश देते हुए स्वामी विवेकानंद ने कहा की जीवन की किसी भी परिस्थिति में निराश न हो व अपने शारीरिक बल की साधना करें, जीवन की पहली विजय ही ‘आत्म विजय’ है।
वेबीनार में अध्यक्षीय संबोधन व्यक्त करते हुए निदेशक प्रो शम्भू उपाध्याय जी ने कहा की हम सभी को विवेकानंद जी के जीवन पद्धति को आत्मसात करने की कोशिश करनी चाहिए, हम सभी को सजग होकर राष्ट्र निर्माण के संकल्पित प्रयास करने चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथिगण का स्वागत कालेज के प्राचार्य डॉ आशीष पाण्डेय जी द्वारा व अतिथि परिचय एवं धन्यवाद ज्ञापन वेबिनार कोआर्डिनेटर डॉ सुनील मिश्र द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के अध्यापक डा बृजेश पाण्डेय जी द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में कॉलेज के प्रबंधक श्री अजय तिवारी जी, अध्यापको में डॉ सुमन सिंह, श्री अश्वनी पाण्डेय, श्री दुर्गेश मनी त्रिपाठी, श्री मनीष पाण्डेय, डॉ वर्षा श्रीवास्तव, श्री अनुराग गुप्ता, एकता त्रिपाठी, ज्योति श्रीवास्तव, जया तिवारी, समर्थ श्रीवास्तव सहित सैकड़ों छात्र इस वेबीनार में उपस्थित रहे।

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