देश के प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था हिन्दुस्तानी एकेडेमी प्रयागराज शुक्रवार के अपने राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारन घोषणा कइलस। एह बेरी भोजपुरी खाति भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान आखर – आखर गीत बदे चंदौली जिला के बरहुआं गाँव के बेटा गाजियाबाद में रहि रहल जयशंकर प्रसाद द्विवेदी के दीहल जाई। ए सम्मान के साथे उनुका के संस्था के ओरी से एक लाख रुपए के धनराशि भी दीहल जाई । भोजपुरी का क्षेत्र में दीहल जाये वाला ई एगो महत्वपूर्ण सम्मान ह। बतावत चलीं कि एह किताबि के प्रकाशन सर्वभाषा ट्रस्ट कइले बा। वर्ष 2020 के सगरी सम्मान कवनो आवे वाला समय के आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ से दीहल जाई। चंदौली जिला के रहे वाला जयशंकर प्रसाद द्विवेदी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बीई कइले बाड़ें । पेशा से कम्पुटर इंजीनियर जयशंकर प्रसाद द्विवेदी कई बरीस से मातृभाषा भोजपुरी खाति काम करि रहल बाड़ें। उनुका एह उपलब्धि पर सगरे भोजपुरिया समाज आ साहित्यिक बिरादरी जुड़ल लोगन के बधाई देवे के तांता लगल बा। पछिले 5 बरीस से ‘भोजपुरी साहित्य सरिता’ भोजपुरी मासिक पत्रिका के संपादन आ प्रकाशन कर रहल बाड़ें। दिल्ली एन सी आर में उनुका के भोजपुरी भाषा के प्रतिनिधि का रूप में जानल-पहिचानल जाला।द्विवेदी हिन्दी में समीक्षा आ आलेख लगातार लिखत रहेलन बाकि भोजपुरी से उनुका अनघा लगाव बाटे। कवनो मंच पर भोजपुरी में रचना पाठ करे खाति जानल जाने। आखर-आखर गीत के संगही ‘पीपर के पतई’ आ ‘जबरी पहुना भइल जिनगी’ कविता आ गीत संग्रह उनुका चर्चित कृति बाटे। एकरा अलावा जयशंकर प्रसाद द्विवेदी के कई साझा संग्रहो प्रकाशित हो चुकल बाटे।उनुका सम्पादन में भोजपुरी में महिला रचनाकारन के भूमिका नाँव के एगो एतिहासिक किताब आ चुकल बा। उ अपना एह सम्मान के भोजपुरी साहित्य जगत सम्मान बतावत अपने के भोजपुरी भाषा खाति एगो समर्पित कार्यकर्ता बतवलें।
जयशंकर प्रसाद द्विवेदी के मिली हिन्दुस्तानी एकेडेमी के भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान
