‘सर्वभाषा’ देश की 49 भाषाओं में प्रकाशित पहली पत्रिका

भाषा भाव सम्प्रेषण का माध्यम है। मानव-विकास के महत्त्वपूर्ण सोपानों में आग, पहिया के बाद भाषा का सबसे अधिक महत्त्व है। भाषा ने बर्बर मानव को सभ्यता दी। मानव के भाव-सम्प्रेषण के अभाव को स्वभाव दिया। परन्तु कई बार भाषा के नाम पर लड़ते-भिड़ते देखा जाता है जो अमानवीय लगता है।
‘सर्व भाषा ट्रस्ट’ द्वारा भाषा,साहित्य, कला और संस्कृति को समर्पित पत्रिका ‘सर्वभाषा’ में मानवीय सरोकारों और भाषिक एकता का जीवंत उदहारण मिलता है। यह पत्रिका केशव मोहन पाण्डेय के सम्पादन में प्रकाशित होती है। पत्रिका में सभी भाषाओं और बोलियों की रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं। पत्रिका के अप्रैल-जून अंक में देश की 49 भाषा/बोलियों की रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं जो शायद विश्व की भी पहली पत्रिका है।
सर्वभाषा पत्रिका की विशेषता यह भी है कि देवनागरी और रोमन के अतिरिक्त अन्य लिपियों की रचनाएँ उनकी मूल लिपि के साथ देवनागरी में भी प्रकाशित की जाती हैं।
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