सत्य नारायण मिश्र ‘सत्तन’ जी की छठवीं पुण्यतिथि

सत्य नारायण मिश्र ‘सत्तन’ जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते प्रो रामदेव शुक्ल

गोरखपुर। “भोजपुरी में ऊ ताकत बा कि खाली रचना के बल पर एके स्थापित कइल जा सकत बा। दुनिया के 18 देसन में भोजपुरी ओइसे बोलल जाला जइसे आपन भासा होखे। संसार में यह समय जेतना लोग भोजपुरी बोले वाला बाटें ओतना हिंदी के नईखें। ई भोजपुरी ‘सत्तन जी’ से आ उनके रचना से सीखल जा सकत बा। लिखवइयन के जवन अपने गांँव गिराव में होत बा ऊहे लिखे के पड़ी। एह क्षेत्र में सत्तन जी अइसन अकेल आदमी रहलें जवन भोजपुरी में खाली लिखत नाइ रहलें बल्कि भोजपुरी के विकसित कइले के कार करत रहलें। ई रचना कईले से ढेर कठिन कार होला।” उक्त बातें स्वर्गीय सत्य नारायण मिश्र ‘सत्तन’ जी के छठवीं पुण्यतिथि पर उनके आवास पर, खरैया पोखरा, बसारतपुर, गोरखपुर में ‘भोजपुरी संगम’ द्वारा आयोजित विशेष ‘बइठकी’ में वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. रामदेव शुक्ल ने कही।
कार्यक्रम में शिरकत कर रहे श्रीधर मिश्र ने कहा “सत्तन जी भोजपुरी खातिर समर्पित व्यक्ति रहलें, सबसे हरदम भोजपुरी लिखे कऽ निहोरा करत रहें आ भोजपुरी से सबके जोड़ले क कोसिस करें। उनसे भोजपुरी के अबहिन ढेर साहित्य मिले के रहल बाकिर उनके चलि गइले से एह क्षेत्र के भोजपुरी के अभिभावक हेरा गइल। ऊ सबसे आत्मीय संबंध रखत रहलें।”
अध्यक्षता कर रहे सत्तन जी से मित्रवत संबंध रखने वाले बुद्धदेव शुक्ल ने सत्तन जी को भोजपुरी के लिए आजीवन संघर्षरत व्यक्ति बताते हुए कहा कि उन्होंने शहर में रहने के बावजूद अपने गांँव-गिरांँव की भाषा व संस्कृति से अपने को कभी दूर नहीं किया। कभी यदि भोजपुरी का साहित्य लिखा जाएगा तो सत्तन जी का नाम जरूर लिया जाएगा। उनके साहित्य से जुड़े कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

गोष्ठी में अपना विचार रखते सुधी साहित्यकार

इस अवसर पर अनेक लोगों ने सत्तन जी एवं उनके जीवन से जुड़े संस्मरण सुना कर उन्हें याद किया। कार्यक्रम की शुरुआत उनके पुत्र डॉ.विनीत मिश्र एवं कुमार अभिनीत के द्वारा उनकी रचनाओं के सस्वर पाठ से हुई। इनके अलावा सुधीर श्रीवास्तव ‘नीरज’, डॉ. अजय ‘अंजान’, ओमप्रकाश पांडेय ‘आचार्य’, अरविंद ‘अकेला’ एवं अवधेश शर्मा ‘नंद’ ने भी अपनी रचनाओं से सत्तन जी को याद किया। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार चंदेश्वर ‘परवाना’ ने किया। कार्यक्रम में धर्मेंद्र त्रिपाठी, रवीन्द्र मोहन त्रिपाठी, इं. राजेश्वर सिंह, प्रो.टी.एन पांडेय, कुंदन लाल निगम आदि अनेक लोगों की उपस्थिति रही।
भोजपुरी के अनन्य सेवक सत्य नारायण मिश्र ‘सत्तन’ जी को सर्वभाषा ट्रस्ट परिवार की और से विनम्र श्रद्धांजलि।

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