प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को राजभाषा विभाग का ‘राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान’

प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

बिहार सरकार की ओर से वर्ष 2020 के लिए राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान की घोषणा साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी के नाम की हुई है। उनका कहना है कि जीवन में उन्हें कई बड़े पुरस्कार मिले हैं लेकिन पड़ोसी राज्य बिहार का सर्वोच्च सम्मान पाने में आत्मिक खुशी मिलेगी। प्रो. तिवारी ने बताया कि उन्हें उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च साहित्य सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। अब बिहार ने भी सम्मानित कर दिया।
20 जून 1940 को कुशीनगर के रायपुर भैंसही-भेडिहारी गांव में जन्मे आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी एक लोकप्रिय शिक्षक भी रहे। प्रो॰ तिवारी गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद से वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त हुए।
आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी साहित्य के अनवरत सहज साधक हैं। उन्होंने गांव की धूल भरी पगडण्डी से इंग्लैण्ड, मारीशस, रूस, नेपाल, अमरीका, नीदरलैण्ड, जर्मनी, फ्रांस, लक्जमबर्ग, बेल्जियम, चीन, कनाडा, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रिया, जापान और थाईलैण्ड की जमीन नापी है। इन्होनें उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कई सम्मान हासिल किये। रूस की राजधानी मास्को में साहित्य के प्रतिष्ठित पुश्किन सम्मान से नवाजे गये। उन्हें उत्तर प्रदेश की सरकार ने शिक्षक श्री सम्मान दिया। उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान , केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा महापंडित सांकृत्यायन सम्मान, महादेवी वर्मा गोइन्का सम्मान, भारतीय भाषा परिषद का कृति सम्मान, मध्य प्रदेश का मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, उड़ीसा का गंगाधर मेहर राष्ट्रीय कविता सम्मान मिल चुका है | उनके द्वारा संपादित पत्रिका ‘दस्तावेज’ को सरस्वती सम्मान भी मिल चुका है। उनके कृतित्व पर अनेक विश्वविद्यालयों द्वारा शोध उपाधियाँ प्रदान की गई हैं तथा अनेक आलोचना पुस्तकें प्रकाशित हैं।
सर्व भाषा ट्रस्ट परिवार की ओर से प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी जी को इस सम्मान के लिए अनन्त बधाइयाँ।

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